
NASA और Nokia मिल कर चांद पर 4G LTE कनेक्टिविटी पहुंचाएंगे.
नासा का लक्ष्य 2024 तक मनुष्यों को चंद्रमा पर ले जाने का है. बता दें नेटवर्क अंतरिक्ष यात्रियों को वॉयस-वीडियो कम्युनिकेशन की सुविधा देगा.
- News18Hindi
- Last Updated:
October 20, 2020, 9:30 AM IST
इस प्रोजेक्ट के लिए 14 कंपनियों को किया सलेक्ट
स्पेस एजेंसी NASA ने टोटल 14 अमेरिकी कंपनियों को चुना है जो चाँद पर 4G नेटवर्क के लिए बेसिक इंफ़्रास्ट्रक्चर तैयार करेंगी. इ इस मिशन के लिए कुल USD 370 मिलियन का फंड आवंटित किया गया है.
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नोकिया ने कहा कि अंतरिक्ष में पहला वायरलेस ब्रॉडबैंड कम्युनिकेशन सिस्टम 2022 के अंत में चंद्रमा की सतह पर बनाया जाएगा. कंपनी ने बताया कि नेटवर्क अंतरिक्ष यात्रियों को आवाज और वीडियो कम्युनिकेशन करने की सुविधाएं देगा.
बेल लैब्स ने ट्वीट कर जाहिर की खुशी
आपको बता दें नोकिया की रिसर्च आर्म, बेल लैब्स ने ट्वीट करके इस बारे में खुशी जाहिर की है. उन्होंगे ट्विटर पर लिखा ‘चंद्रमा के लिए ‘टिपिंग प्वाइंट’ प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के लिए एक प्रमुख भागीदार के रूप में नासा द्वारा चुने जाने पर हम बेहद उत्साहित हैं. इससे चांद की सतह पर मानव की स्थायी उपस्थिति की दिशा में मार्ग प्रशस्त करने में मदद मिलेगी’.
To the moon! 🌕We are excited to have been named by @NASA as a key partner to advance “Tipping Point” technologies for the moon, to help pave the way towards sustainable human presence on the lunar surface.So, what technology can you expect to see? (1/6) pic.twitter.com/wDNwloyHdP
— Bell Labs (@BellLabs) October 15, 2020
लॉन्चिंग और लैंडिंग की मिलेगी सभी जानकारी
कंपनी ने बताया कि नेटवर्क को इस तरह से लॉन्च किया जाएगा कि वह लॉन्चिंग और लैंडिंग की सभी जानकारी आसानी से दे सके. बता दें इसको कठोर आकार, वजन और बिजली की कमी को पूरा करने के लिए कॉम्पैक्ट करके चांद पर भेजा जाएगा.
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हाई-टेक्नोलॉजी का होगा इस्तेमाल
इसके अलावा ये कंपनियां चांद पर सर्फेस पॉवर जनरेशन और रोबॉटिक्स टेक्नोलॉजी को भी लगाएगीं. इन हाई टेक्नोलॉजी के आधार पर चांद पर 4G नेटवर्क लगाया जाएगा.