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दूसरे शब्दों में कहें तो डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में 4 रुपये की मजबूती आई है. इससे सरकार को आयात के लिए भुगतान (Import Cost) कम करना पड़ा और देश के चालू खाता घाटा में कमी आई. रुपये के मजबूत होने से कच्चा तेल, इलेक्ट्रॉनिक, जेम्स एंड ज्वेलरी, फर्टिलाइजर्स, केमिकल्स सेक्टर को सीधा फायदा होता है. इससे आयात की लागत घट जाती है. हालांकि, इससे कुछ सेक्टर्स को नुकसान भी होता है.