डॉक्टरों को मोक्ष मास्क बांटती निर्माताओं की टीम
– फोटो : Amar Ujala
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राजधानी दिल्ली के डॉक्टरों को लंबी ड्यूटी के दौरान लगातार मास्क पहनने से होने वाली परेशानी का अब सामना नहीं करना पड़ेगा। दिल्ली सरकार ने ट्रायल के तौर पर उन्हें ऐसा ‘मोक्ष मास्क’ उपयोग करने के लिए दिया है जो बैटरी से चलता है। इसमें एक तरफ से स्वच्छ हवा प्रवेश करती है तो दूसरी तरफ से प्रदूषित वायु बाहर निकलती है।
मास्क निर्माताओं ने दावा किया है कि इस मास्क को लंबे समय तक पहने रहने से भी लोगों को दम घुटने जैसा अनुभव (सफोकेशन की समस्या) नहीं होता क्योंकि इसमें लगातार स्वच्छ वायु प्रवेश करती रहती है। मास्क के दोनों सिरों पर एन-95 फिल्टर लगा हुआ है, जिससे इसके अंदर वायरस भी प्रवेश नहीं कर पाते और व्यक्ति कोरोना जैसी गंभीर बीमारी के संक्रमण से सुरक्षित रहता है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को राजधानी के प्रमुख अस्पतालों के डॉक्टरों को 250 मास्क वितरित कर इसका उपयोग कर इसके बारे में अपनी राय बताने को कहा है। अगर डॉक्टरों की टीम मास्क की खासियतों से संतुष्ट रहती है तो इसे सभी स्वास्थ्य विशेषज्ञों, डॉक्टरों को उपलब्ध कराया जा सकता है।
मोक्ष मास्क के निर्माता पीयूष अग्रवाल ने दावा किया है कि इस मास्क को पहनने के बाद लोगों को बार-बार मास्क उतारने और चढ़ाने की समस्या से आजादी मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि सामान्य मास्क पहनने के बाद उसमें से कार्बन डाई ऑक्साइड बाहर नहीं निकल पाती जिसके कारण लोग बार-बार उसे ऊपर उठाकर साफ हवा पाने की कोशिश करते हैं।
लेकिन मोक्ष मास्क पहने रहने के दौरान भी दूसरी तरफ से साफ हवा अंदर आती रहती है, जिसके कारण इसे बार-बार मुंह पर से हटाना नहीं पड़ता है। उन्होंने प्रदूषण और कोरोना जैसी बीमारी के संक्रमण से बचने में बेहद कारगर होने का दावा किया है।
सार
मास्क को लंबे समय तक पहने रहने से भी लोगों को दम घुटने जैसा अनुभव (सफोकेशन की समस्या) नहीं होता क्योंकि इसमें लगातार स्वच्छ वायु प्रवेश करती रहती है। मास्क के दोनों सिरों पर एन-95 फिल्टर लगा हुआ है…
विस्तार
राजधानी दिल्ली के डॉक्टरों को लंबी ड्यूटी के दौरान लगातार मास्क पहनने से होने वाली परेशानी का अब सामना नहीं करना पड़ेगा। दिल्ली सरकार ने ट्रायल के तौर पर उन्हें ऐसा ‘मोक्ष मास्क’ उपयोग करने के लिए दिया है जो बैटरी से चलता है। इसमें एक तरफ से स्वच्छ हवा प्रवेश करती है तो दूसरी तरफ से प्रदूषित वायु बाहर निकलती है।
मास्क निर्माताओं ने दावा किया है कि इस मास्क को लंबे समय तक पहने रहने से भी लोगों को दम घुटने जैसा अनुभव (सफोकेशन की समस्या) नहीं होता क्योंकि इसमें लगातार स्वच्छ वायु प्रवेश करती रहती है। मास्क के दोनों सिरों पर एन-95 फिल्टर लगा हुआ है, जिससे इसके अंदर वायरस भी प्रवेश नहीं कर पाते और व्यक्ति कोरोना जैसी गंभीर बीमारी के संक्रमण से सुरक्षित रहता है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को राजधानी के प्रमुख अस्पतालों के डॉक्टरों को 250 मास्क वितरित कर इसका उपयोग कर इसके बारे में अपनी राय बताने को कहा है। अगर डॉक्टरों की टीम मास्क की खासियतों से संतुष्ट रहती है तो इसे सभी स्वास्थ्य विशेषज्ञों, डॉक्टरों को उपलब्ध कराया जा सकता है।
मोक्ष मास्क के निर्माता पीयूष अग्रवाल ने दावा किया है कि इस मास्क को पहनने के बाद लोगों को बार-बार मास्क उतारने और चढ़ाने की समस्या से आजादी मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि सामान्य मास्क पहनने के बाद उसमें से कार्बन डाई ऑक्साइड बाहर नहीं निकल पाती जिसके कारण लोग बार-बार उसे ऊपर उठाकर साफ हवा पाने की कोशिश करते हैं।
लेकिन मोक्ष मास्क पहने रहने के दौरान भी दूसरी तरफ से साफ हवा अंदर आती रहती है, जिसके कारण इसे बार-बार मुंह पर से हटाना नहीं पड़ता है। उन्होंने प्रदूषण और कोरोना जैसी बीमारी के संक्रमण से बचने में बेहद कारगर होने का दावा किया है।
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