पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष
– फोटो : पीटीआई
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दक्षिण 24 परगना जिले के कुल्पी में एक रैली को संबोधित करते हुए घोष ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वह भाजपा और अन्य विपक्षी कार्यकर्ताओं पर थोपे गए गलत मामलों को वापस ले लेगी लेकिन तृणमूल के कार्यकर्ताओं को राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ ज्यादती करने को लेकर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
उन्होंने कहा, टीएमसी कोविड-19 से भी ज्यादा खतरनाक वायरस है। अगले साल विधानसभा चुनावों में भाजपा टीका टीएमसी वायरस को खत्म कर देगा। राज्य की 294 सदस्यों वाली विधानसभा के लिये अगले साल अप्रैल-मई में चुनाव होने की उम्मीद है।
तृणमूल को राज्य में अब तक का सबसे अलोकतांत्रिक दल करार देते हुए घोष ने आरोप लगाया कि टीएमसी सरकार के गिनती के दिन बचे होने के बावजूद सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता भाजपा के कार्यकर्ताओं को धमका रहे हैं।
घोष ने कहा, जब हम सत्ता में आएंगे तब हम भाजपा कार्यकर्ताओं और अन्य विपक्षी कार्यकर्ताओं पर लगाए गए सभी झूठे मामलों को वापस लेंगे। लेकिन हमें प्रताड़ित करने वाले टीएमसी सदस्यों को अंजाम भुगतना होगा। हम उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम के कुछ दिनों बाद 29 दिसंबर को बीरभूम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तय रोड शो का मजाक उड़ाते हुए घोष ने कहा कि तृणमूल को भाजपा के सुशासन के उदाहरण का भी पालन करना चाहिए।
उन्होंने कहा, बीरभूम में वैसे ही रोड शो की योजना बनाकर टीएमसी भाजपा का अनुकरण कर रही है। उन्हें केंद्र के सुशासन के उदाहरण को भी अपनाना चाहिए। टीएमसी सरकार पश्चिम बंगाल में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं को लागू करने की मंजूरी नहीं देती।
घोष के वायरस वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि ऐसी टिप्पणी भाजपा की मनोदशा दर्शाती हैं। उन्होंने कहा, हम ऐसे बयानों पर टिप्पणी नहीं करना चाहते। यह भाजपा की मनोदशा दर्शाती है। प्रदेश के लोग उन्हें माकूल जवाब देंगे।