स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 13 Nov 2020 07:14 AM IST
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फ्रांस ने गंवाए मौके
मेजबान फ्रांस ने गोल करने के कई मौके गंवाए। फ्रांस को 16वें मिनट में ही मौका मिला था जब मार्कस थुरम का हेडर नजदीकी अंतर से गोलपोस्ट से टकराकर रह गया। अगर ऐसा नहीं होता तो मार्कस थुरम को स्टेड डि फ्रांस में गोल करने का मौका मिल जाता जहां उनके पिता लिलियन थुर्रम ने 1998 के विश्व कप सेमीफाइनल में क्रोएशिया के खिलाफ दो गोल किए थे।
दो मिनट बाद थुर्रम ने एक और मौका गंवा दिया। जब तक फिनलैंड ने कम अंतराल में दो गोल करके अपनी स्थिति मजबूत नहीं की थी तब तक फ्रांस का मैच में पूरी तरह दबदबा था। फिनलैंड के मिडफील्डर मौसूआ ने फोरस को गेंद दी जिन्होंने गोल करने में कोई गलती नहीं की। तीन मिनट बाद वालाकारी ने बाक्स के सिरे से दनदनाती किक पर गेंद गोल में उतार दी।
अब पुर्तगाल से है मुकाबला
दूसरे हाफ में भी ज्यादातर गेंद फ्रांस के कब्जे में रही। थुर्रम ने मैच समाप्ति से बीस मिनट पहले बॉक्स के बाहर से प्रयास किया लेकिन गोलकीपर ने आसानी से बचा लिया। इंजरी टाइम में एंटोनी ग्रीजमैन ने मार्शल के पास पर प्रयास किया लेकिन निशाना सही नहीं रहा। अब शनिवार को टीम का नेशंस लीग में पुर्तगाल से मुकाबला है। उसके बाद अगले मंगलवार को स्वीडन से मैच है। पुर्तगाल की टीम ग्रुप में गोल अंतराल में फ्रांस से आगे चल रही है।
हमें कई मौके मिले थे, यदि हमने वे सब भुनाए होते तो कहानी दूसरी होती। हमें देखना होगा कि कहां गलती हुई। -एंटोनी ग्रीजमैन, फ्रांस
03 : मैचों से फिनलैंड की टीम बिना गोल खाए जीत रही है
72: प्रतिशत कब्जा गेंद पर फ्रांस का था लेकिन फिनलैंड ने मौके भुनाए