स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला
Updated Fri, 13 Nov 2020 11:58 PM IST
राहुल द्रविड़
– फोटो : सोशल मीडिया
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इस मामले में पूछने पर भारतीय टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा कि आईपीएल देश में उपलब्ध प्रतिभाओं की संख्या और गुणवत्ता से समझौता किए बिना अधिक टीमों के मामले में ‘विस्तार के लिए तैयार’ है। राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के निदेशक द्रविड के इस विचार का राजस्थान रॉयल्स के सह-मालिक मनोज बडाले ने भी समर्थन करते हुए कहा 2021 में नौ-टीमों के साथ आईपीएल का आयोजन ‘निश्चित रूप से संभव है’।
प्रतिभा के दृष्टिकोण से आईपीएल विस्तार के लिए तैयार
द्रविड ने कहा, ‘अगर आप प्रतिभा के दृष्टिकोण से देखें तो मुझे लगता है कि आईपीएल विस्तार के लिए तैयार है। बहुत सारे प्रतिभाशाली खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्हें खेलने का मौका नहीं मिल पा रहा है।’ द्रविड़ ने कहा कि अगर और अधिक टीमें हों तो सभी प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को समायोजित किया जा सकता है और इससे इसके स्तर में कोई कमी नहीं आएगी। द्रविड़ ने बडाले की किताब ‘ए न्यू इनिंग्स’ के आभासी लॉन्च के दौरान कहा, ‘मेरा मानना है कि हम तैयार हैं क्योंकि प्रतिभा के मामले में बहुत सारे नए नाम और चेहरे उभर कर आए हैं।
आईपीएल के कारण राहुल तेवतिया को दुनिया ने देखा
द्रविड ने कहा कि आईपीएल के कारण हरियाणा के राहुल तेवतिया जैसे खिलाड़ी दुनिया को अपनी प्रतिभा दिखा पाए। उन्होंने कहा, ‘इससे पहले, आप रणजी ट्रॉफी के लिए चयन पर अपने राज्य संघ पर निर्भर थे। हरियाणा जैसे राज्य में युजवेंद्र चहल, अमित मिश्रा और जयंत यादव जैसे शानदार स्पिनरों के सामने तेवतिया को सीमित अवसर मिलता। ऐसे में अब आप अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए सिर्फ राज्य संघ तक सीमित नहीं हैं।’
उन्होंने कहा कि आईपीएल खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेले बिना इसका अनुभव प्रदान करता है। द्रविड ने कहा, ‘कोच के रूप में हम युवा खिलाड़ियों को उनकी यात्रा में मदद कर सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें अनुभव की जरूरत होती है। आप देवदत्त पडिक्कल को देखें जो विराट कोहली के साथ बल्लेबाजी कर रहा है या एबी डिविलियर्स से सीख सकता है।’
सीमित ओवरों के क्रिकेट में यह दशक भारत के लिए शानदार
द्रविड ने कहा कि यह दशक (2011-2020) सीमित ओवरों के क्रिकेट में भारत के लिए शानदार रहा है जिसमें आईपीएल ने काफी योगदान दिया है। उन्होंने कहा, ‘सफेद गेंद की क्रिकेट में भारतीय टीम ने इस दशक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। हमने इस दौरान विश्व कप (2011), चैंपियंस ट्रॉफी (2013) जीता और टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल तथा फाइनल में पहुंचे। युवा खिलाड़ियों ने टीवी देखकर और विशेषज्ञों की राय सुनकर काफी कुछ सीखा है।’